:: AKTU Grace Marks Rule Changed {Now 40 Marks} (Hindi) ::
HINDI TRANSLATION (#aktunews)
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) से पढ़ाई करने वाले छात्र किसी पेपर में सिर्फ 15 प्रतिशत नंबर पाने पर भी पास माने जाएंगे। बाकी के 15 नंबर उसे ग्रेस के तौर पर दिए जाएंगे।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) से पढ़ाई करने वाले छात्र किसी पेपर में सिर्फ 15 प्रतिशत नंबर पाने पर भी पास माने जाएंगे। बाकी के 15 नंबर उसे ग्रेस के तौर पर दिए जाएंगे।
कुलपति प्रो. विनय पाठक की अध्यक्षता में शनिवार को विवि परीक्षा समिति की बैठक में इसके अलावा कई अन्य बदलावों पर मुहर लगाई गई। परीक्षा समिति ने समय पूरा होने के बावजूद कुछ पेपर में फेल होने वाले छात्रों को एक मौका और देने का फैसला किया है।
विवि में अब तक बीटेक, बीफॉर्मा और बीऑर्क पाठ्यक्रम में छात्र को प्रति वर्ष 10 ग्रेस अंक देने की व्यवस्था है। चार साल में छात्रों को कुल मिलाकर 40 नंबर का ग्रेस मिलता था। नई व्यवस्था में विद्यार्थियों को पूरे कोर्स के लिए 40-40 ग्रेस अंक मिलेंगे और किसी भी समय इसे लेने का मौका मिलेगा।
स्टूडेंट्स चाहे तो पहले साल में ही पूरे ग्रेस मार्क्स का लाभ ले या फिर हर साल कुछ नंबर का ग्रेस ले। छात्र शून्य अंक पाकर भी पास न हो जाए इसलिए उसे एक पेपर में अधिकतम 15 नंबर का ग्रेस देने की व्यवस्था की गई है। बाकी ग्रेस नंबर स्टूडेंट्स अलग-अलग विषय में उपयोग कर सकेगा। इससे करीब 35 हजार छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी।
विवि में अब तक बीटेक, बीफॉर्मा और बीऑर्क पाठ्यक्रम में छात्र को प्रति वर्ष 10 ग्रेस अंक देने की व्यवस्था है। चार साल में छात्रों को कुल मिलाकर 40 नंबर का ग्रेस मिलता था। नई व्यवस्था में विद्यार्थियों को पूरे कोर्स के लिए 40-40 ग्रेस अंक मिलेंगे और किसी भी समय इसे लेने का मौका मिलेगा।
फेल छात्रों के अंकों का हिसाब रखने की जिम्मेदारी छात्रों की
इस फैसले के अनुसार फेल छात्रों के सेशनल अंक का रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी अब विवि की होगी। अब तक कॉलेज को सेशनल अंक तब तक भेजने पड़ते थे जब तक कि वह थ्योरी एग्जाम में पास न हो जाए। अब कॉलेज को केवल एक बार ही सेशनल के नंबर भेजने होंगे।
एक अन्य फैसले के अनुसार स्टूडेंट अब किसी सेमेस्टर में किसी अन्य सेमेस्टर वाले पेपर की परीक्षा भी दे सकेगा। इस तरह छात्र प्रथम सेमेस्टर में ही सेकंड सेमेस्टर वाले विषय की परीक्षा में शामिल हो सकेगा। अगले साल उसे वह पेपर नहीं देना होगा। हालांकि, अनिवार्य विषय की परीक्षा सेमेस्टर के हिसाब से ही देनी होगी।
पीएचडी के लिए बनेंगे रिसर्च सेंटर्स
रिसर्च सेंटर्स की स्थापना के लिए छह संबद्ध संस्थानों ने प्रेजेंटेशन दिया। विवि प्रशासन ने पीएचडी प्रोग्राम के लिए संबद्ध संस्थानों को रिसर्च सेंटर बनाने के लिए प्रेजेंटेशन देने को कहा था। इसके लिए 36 संस्थानों ने 98 स्पेशलाइजेशन में आवेदन किया था।
विवि की स्क्रीनिंग कमेटी ने 11 संस्थानों में 26 स्पेशिलाइजेशन का चयन किया था। बैठक के संयोजक प्रो. एचके पालीवाल ने बताया विवि प्रशासन संबद्ध संस्थानों में से उन संस्थानों का चयन कर रहा है जो गुणवत्तापरक शोध कार्य करवाने में सक्षम हैं।
एक अन्य फैसले के अनुसार स्टूडेंट अब किसी सेमेस्टर में किसी अन्य सेमेस्टर वाले पेपर की परीक्षा भी दे सकेगा। इस तरह छात्र प्रथम सेमेस्टर में ही सेकंड सेमेस्टर वाले विषय की परीक्षा में शामिल हो सकेगा। अगले साल उसे वह पेपर नहीं देना होगा। हालांकि, अनिवार्य विषय की परीक्षा सेमेस्टर के हिसाब से ही देनी होगी।
पीएचडी के लिए बनेंगे रिसर्च सेंटर्स
रिसर्च सेंटर्स की स्थापना के लिए छह संबद्ध संस्थानों ने प्रेजेंटेशन दिया। विवि प्रशासन ने पीएचडी प्रोग्राम के लिए संबद्ध संस्थानों को रिसर्च सेंटर बनाने के लिए प्रेजेंटेशन देने को कहा था। इसके लिए 36 संस्थानों ने 98 स्पेशलाइजेशन में आवेदन किया था।
विवि की स्क्रीनिंग कमेटी ने 11 संस्थानों में 26 स्पेशिलाइजेशन का चयन किया था। बैठक के संयोजक प्रो. एचके पालीवाल ने बताया विवि प्रशासन संबद्ध संस्थानों में से उन संस्थानों का चयन कर रहा है जो गुणवत्तापरक शोध कार्य करवाने में सक्षम हैं।
थ्योरी और प्रैक्टिकल मिलाकर होगा मूल्यांकन
विवि में नए सत्र से चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसमें छात्रों को कुल 46 में से न्यूनतम 23 क्रेडिट लाने पर दूसरे वर्ष में प्रोन्नति मिलेगी। वर्तमान में छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में उत्तीर्ण होने के लिए अलग - अलग अंक हासिल करने पड़ते हैं। नई व्यवस्था में थ्योरी और प्रैक्टिकल के अंक जोड़कर प्रोन्नति पर फैसला होगा।
प्रैक्टिकल छूटा तो देने होंगे 10 हजार रुपये
विवि ने प्रैक्टिकल परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों को लिखित परीक्षा के बाद एवं परिणाम घोषित होने के पहले विवि मुख्यालय पर आकर प्रैक्टिकल परीक्षा देने का मौका देने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के लिए स्टूडेंट्स को 10 हजार रुपये फीस चुकानी होगी। इस तरह उसका रिजल्ट अन्य स्टूडेंट्स के साथ निकल आएगा।
हर माह भेजना होगा उपस्थिति का ब्यौरा
संबद्ध संस्थानों को अब स्टूडेंट्स की उपस्थिति माह के अंत में विवि को भेजनी होगी। उपस्थिति का ब्योरा संस्थान की वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगा। ऐसा न करने की दशा में विवि संस्थान पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा सकेगा। ये फैसला कॉलेजों में फर्जी छात्रों की शिकायतों को देखते हुए किया गया है।
प्रैक्टिकल छूटा तो देने होंगे 10 हजार रुपये
विवि ने प्रैक्टिकल परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों को लिखित परीक्षा के बाद एवं परिणाम घोषित होने के पहले विवि मुख्यालय पर आकर प्रैक्टिकल परीक्षा देने का मौका देने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के लिए स्टूडेंट्स को 10 हजार रुपये फीस चुकानी होगी। इस तरह उसका रिजल्ट अन्य स्टूडेंट्स के साथ निकल आएगा।
हर माह भेजना होगा उपस्थिति का ब्यौरा
संबद्ध संस्थानों को अब स्टूडेंट्स की उपस्थिति माह के अंत में विवि को भेजनी होगी। उपस्थिति का ब्योरा संस्थान की वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगा। ऐसा न करने की दशा में विवि संस्थान पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा सकेगा। ये फैसला कॉलेजों में फर्जी छात्रों की शिकायतों को देखते हुए किया गया है।